सफलता की चाबी
सफलता की चाबी
दोस्तों इस कहानी जीवन में एक इंसान कैसे सफल होता है, वह बताय है उम्मीद करता हूँ दोस्तों आप लोग को पसंद आएँगी और आप अन्य लोगो को शेयर भी करेंगे।
दो दोस्त थे एक गांव में रहते थे, एक का नाम था अरविन्द और दूसरे का राहुल दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. अरविन्द था वह बहित कुच अपनी जिंदगी में कर चूका थे। गाडी, बंगला, बैलेंस , पैसा सब कुच अरविन्द की जिंदगी में, जो इंसान की जिंदगी में होना चाहिए वह सब कुच अरविन्द के पास था।
एक राहुल था अरविन्द का जिगरी दोस्त , वह कहीना कही पीछे रह चूका था। राहुल ने सोचा अरविन्द अपनी जिंदगी में बहुत कुच कर चूका है। आगे बढ़ चूका है, क्यों न एकबार अरविन्द से एड्वाइज़ लू, की उनके जैसा बनने के लिए मुझे क्या करना होगा ताकि में भी सफल हो जाऊ. राहुल उत्सुकता के साथै अरविन्द के पास गया, और पुछा भाई तेरे पास सबकुच है , मुझे भी कोई सफलता का मंत्र बता, जिसे की में जाप करके में भी सफल हो जाऊ, अरविन्द ने पांच मिनट तक सोचा, और उसके बाद
जवाब दिया, अरविन्द बोला की भाई राहुल तू कल नदी किनारे पर मिलना, अब रातभर सोचता रहा राहुल , की नदी किनारे पर कल अरविन्द क्या समजायेगा, सोचता रहा सोचता रहा, अगला दिन हो गया , राहुल उठा और सीधा तैयार हो कर नदी किनारे चला गया, वहा पर अरविन्द पहले से, राहुल का इंतजार कर रहा था, अरविन्द को देख कर राहुल सीधा बोला, हां बोल भाई, अरविन्द बोला राहुल तुझे मेरे साथ यह नदी को पर करना होगा , राहुल मुस्कुराके बोला ठीक है भाई, और अरविन्द और राहुल चलने लगे, नदी में धीरे धीरे घुटनो तक पानी आ गया फिर धीरे धीरे वह आगे बढ़ने लगे, उनके पेट तक पानी आ गया, फिर धीरे धीरे और आगे बढ़ने लगे और आगे बढ़ने लगे फिर उनके गले तक पानी आ गया, जैसे गले तक पानी आया अरविन्द ने फट से राहुल का गला पानी में डुबो दिया, राहुल फड फाड़ने लगा, मरगया बोलके बहुत जोर लगाया , अरविन्द को जटका मारके अपनी शक्ति ताकत से बहार निकला और राहुल बोला तुमने ऐसा क्यों किया ? अरविन्द बोला उसका जवाब में बाद में दुगा,
राहुल: बस किसीना किसी तरह मुझे साँस मिल जाये।
यही सोचा , तो अरविन्द ने बोला यही सफलता की चाबी है , की साँस लेने के तू इतना पागल हो गया की तूने मुजको धक्का दे दिया, इस तरह से इन सफलता के पीछे इतना पागल हो जाओ, इतना पागल हो जाओ की कोई कितना भी गिराने की कोशिस करले और चाहे जितने कस्ट से गुजरना पड़े लेकिन तुम रुकना मत , और बस अपने रस्ते चलते रहो, चलते रहो, दुनिया की कोई भी ताकत तुम्हे रोक नहीं सकती इसे सफलता की चाबी समजो।
दोस्तों जब तक हमे सफलता मिले नहीं, तब तक हमे पूरी लगन और ताकत से महेनत करनी चाहिये और रस्ते में किसी भी तरह की रूकावट आये लेकिन हमे रुकना नहीं चाहिए और हमे मंजिल तक पहुंचना चाहिए
- दोस्तों इस कहानी के जरिये हमें सफल कैसे होना वह सीखा। लेकिन दोस्तों सफल होना बहुत मुश्किल है इंसान सफल तो हो जाता है लेकिन उसके एक घमंड से उसे उसी जगह पर आके गिरना पड़ता है जहसे वह आगे बढ़ता।
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- मिलेंगे अगली नयी कहानी के साथ धन्यवाद.......
लेखक:
नगजी पारेख
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